दिल के दौरे को कैसे रोका जाए: दिलचस्प जानकारी और सुझाव
आज हम एक बहुत महत्वपूर्ण विषय पर बात करेंगे। हाल ही में एक सेलेब्रिटी को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें स्टेंट डाला गया। इस सेलेब्रिटी की स्थिति का इस्तेमाल करते हुए, मैं आपसे एक महत्वपूर्ण संदेश साझा करना चाहता हूं, जो मैं लंबे समय से कहना चाहता था। तो चलिए, इस पर गहराई से बात करते हैं।
दिल का दौरा (Heart Attack) क्या है?
दिल का दौरा तब होता है जब दिल को खून की आपूर्ति नहीं मिल पाती। दिल के चारों ओर खून की नलियां होती हैं, और जब ये नलियां किसी कारणवश अवरुद्ध हो जाती हैं, तो खून दिल तक नहीं पहुंच पाता, जिससे दिल का दौरा पड़ता है। ये खून की नलियां जैसे पाइपलाइनों की तरह होती हैं, और जब ये कोलेस्ट्रॉल के कारण बंद हो जाती हैं, तो दिल तक खून नहीं पहुंच पाता। अगर हम जान पाएं कि इन कोलेस्ट्रॉल प्लाक्स (cholesterol plaques) का कारण क्या है, तो हम दिल के दौरे को बहुत आसानी से रोक सकते हैं।
दिल के दौरे का कारण
यह समझने के लिए हमें दो महत्वपूर्ण हार्मोन की जानकारी लेनी होगी। एक है इंसुलिन (insulin)। जब इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता, तो हमारे ब्लड प्रेशर (blood pressure), ब्लड शुगर (blood sugar) और कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) का स्तर बढ़ जाता है, और इसे हम मेटाबोलिक सिंड्रोम (metabolic syndrome) कहते हैं। इस स्थिति में, खून की नलियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है, जो रक्त संचार को प्रभावित करता है और दिल तक खून नहीं पहुंच पाता।
इंसुलिन की कार्यप्रणाली
अगर आपके पेट में चर्बी (belly fat) है या आपका वजन अधिक है, तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में इंसुलिन ठीक से काम नहीं कर रहा है। अगर आपका waist circumference 80 सेंटीमीटर से अधिक है (महिलाओं के लिए) या 90 सेंटीमीटर से अधिक है (पुरुषों के लिए), तो यह इंसुलिन के काम करने में कमी को दर्शाता है। ऐसे में अगर आप ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकते हैं, तो दिल का दौरा रोकना आसान हो सकता है।
फिट लोगों को भी दिल का दौरा क्यों पड़ता है?
यह सवाल कई मरीज मुझसे पूछते हैं। हम हमेशा वजन और पेट की चर्बी को मेटाबोलिक सिंड्रोम के कारण मानते हैं, लेकिन जब हम फिट होते हैं, फिर भी दिल का दौरा क्यों पड़ता है? इसका मुख्य कारण कोर्टिसोल (Cortisol) नामक हार्मोन है। कोर्टिसोल एक तनाव हार्मोन है। जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर कोर्टिसोल का उत्पादन करता है, जो ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है। यही स्थिति मेटाबोलिक सिंड्रोम को जन्म देती है, जो कि दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ा देती है, भले ही आप फिट हों या आपका वजन सामान्य हो।
भारतीयों के लिए एक और समस्या
हम भारतीयों के पास एक और समस्या है - हमारे दिल की रक्त नलियां (coronaries) सामान्य से छोटी होती हैं। इसका कारण हमारी छोटी शरीर की सतह (body surface area) है। इसके कारण, यदि रक्त नलियां अवरुद्ध होती हैं, तो दिल तक खून पहुंचने में ज्यादा परेशानी होती है।
क्या करें?
- आहार (diet) और व्यायाम (exercise) हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी हैं, लेकिन इनसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कोर्टिसोल का नियंत्रण।
- अगर आपके पास पेट की चर्बी है, तो रात के खाने के बाद कुछ भी न खाएं। कोशिश करें कि आप रात 7 बजे से पहले भोजन कर लें।
- यदि आप फिट हैं, तो भी आपको सात घंटे की अच्छी नींद और 12 मिनट की ध्यान (meditation) की आदत डालनी चाहिए, जिससे कोर्टिसोल का स्तर नियंत्रित किया जा सके।
आपके आहार और जीवनशैली को सुधारने के उपाय
- बेली फैट (belly fat) और वजन (weight) का ध्यान रखें। अगर आप ओवरवेट हैं, तो 7 PM के बाद भोजन न करें।
- सात घंटे की नींद (7 hours of sleep) लें और रोज़ 12 मिनट ध्यान (meditation) करें।
- अगर आप स्वस्थ हैं, तो भी कोर्टिसोल का स्तर नियंत्रित रखें।
निष्कर्ष:
हमारे शरीर में जो कारक हमारी नियंत्रण में हैं, उनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अगर आप इन सुझावों का पालन करेंगे, तो न सिर्फ आप दिल के दौरे से बच सकते हैं, बल्कि एक लंबा और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
याद रखें: "बेली फैट" को नियंत्रित करना और कोर्टिसोल का स्तर कम रखना आपके दिल की सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।